गुरुवार, 19 अगस्त 2010

राजनरायण के आदर्श अनुकरणीय


Apr 11, 12:17 am
 दैनिक जागरण
मऊ । जो समाज अपने महापुरुषों का सम्मान नहीं करता है वह मिट जाता है। आज ऐसी दशा भूमिहार समाज की है। देश की आजादी के लिये क्रांति की ज्वाला धधकाने वाले सांसद जय बहादुर सिंह व झारखंडे राय की प्रतिमा अनावरण की बाट जोह रही है। यह भूमिहार वंश के जाबाज राजनीतिज्ञों का अपमान है। इसको भूमिहार बर्दास्त नहीं करेंगे। समाजवादी पार्टी के शासनकाल में भूमिहारों का ज्यादा उत्थान हुआ था। इन दोनों महापुरुषों की प्रतिमा सपा के शासनकाल में ही जनपद में आयी थी। यह बातें बुजुर्ग सपा नेता शिक्षाविद् उमराव राय ने शनिवार को भीटी स्थित तमसा गेस्ट हाउस में सपा भूमिहार प्रकोष्ठ के सम्मेलन में कही।
उन्होंने कहा कि प्रखर समाजवादी राज नारायण के आदर्शो पर सपा सुप्रीमो चलते हैं। किंतु कोई पार्टी भगवान परशुराम के वंशजों के उत्थान के बारे में नहीं सोचती। सपा अधिवक्ता प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सचिव हरिद्वार राय ने कहा कि कभी भूमिहार समाज के नाम से इस जिले की पहचान थी किंतु आज राजनीति में भागीदारी शून्य है। भूमिहारों के नेता राजनारायण रहे हैं। कार्यक्रम के संयोजक अशोक राय ने कहा कि राजनीति के ऊपर उठकर सबकी मदद करते हैं। यदि प्रशासन ने झारखण्डे राय एवं जय बहादुर सिंह की कलेक्ट्रेट में मूर्तियों का जल्दी अनावरण नहीं कराया तो भूमिहार सपा के साथ मिलकर मूर्ति का अनावरण खुद कर देंगे। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष अल्ताफ अंसारी, शशि प्रकाश राय, पंकज राय, बृजेश राय, देवेन्द्र राय, राजेश राय, सुनील राय, जयप्रकाश राय, डा.अलका राय, अतुल राय, बृजेन्द्र राय, अनूप राय, संतोष राय, धनन्जय राय सहित कई मौजूद रहे।



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