पूर्व विधायक कपिलदेव यादव की चार जुलाई को घोसी कोतवाली क्षेत्र के मझवारा बाजार में दिनदहाड़े हत्या कर दी गयी थी।
एडीजी बृज लाल ने बताया कि राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) के सामने दो युवकों ने पेश होकर एसपी के पूर्व एमएलए की हत्या में अपना हाथ होना कबूल किया है। दोनों ने बताया कि पुरानी दुश्मनी के चलते उन्होंने एसपी के पूर्व विधायक की हत्या की। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
प्रारंभिक जांच के अनुसार हत्या के एक पुराने मामले, जिसमें एसपी के पूर्व विधायक कथित रूप से आरोपी थे, का बदला लेने के लिए आरोपियों ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया। कपिल देव राय की हत्या में गिरफ्तार आरोपी अंकुर राय ने बताया कि उसके पिता की फरवरी 2001 में हत्या कर गई थी। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें पवन कुमार यादव, अशोक और पूर्व विधायक कपिल देव यादव को नामजद किया गया था।शायद अगर इसाफ़ तभी हो जाता तो यह नॊबत नही आती.
एसपी ओंकार सिंह ने बताया कि 24 फरवरी 2001 को सहरोज के अंकुर के पिता रामदरस राय की हत्या हुई थी। इसमें पवन यादव व अशोक के साथ ही पूर्व विधायक कपिलदेव भी आरोपी थे। अंकुर ने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए कपिलदेव की हत्या कर दी। पुलिस कप्तान ने बताया कि 2006 में कपिलदेव यादव के काफिले पर फायरिंग की गयी थी। उसमें मनोज राय भी अभियुक्त हैं। मनोज अपने प्रतिद्वंद्वी पूर्व विधायक को रास्ते से हटाकर वर्चस्व स्थापित करना चाहते थे। इसके चलते अंकुर राय के साथ योजना बनाकर इस घटना को अंजाम दिलाया।
बृजलाल के अनुसार कपिल देव यादव ने अंकुर राय के पिता की हत्या की थी, जिसका बदला लेने के लिये अंकुर राय बेचैन था।
आखिर बृजलाल जी ये क्यो नही समझ रहे कि हत्यारा अन्कुर नही कानून व्यवस्था है जिसने कलम पकड्ने वाले हाथो को खून के रंग दिया
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