सोमवार, 18 अप्रैल 2011

“जै परशुराम, जै भूमिहार” के नारे के साथ रणवीर सेना कर रही एक नयी शुरुआत, 2900 लड़ाकों की बहाली करेगी रणवीर सेना


निस्संदेह यह खबर बिहार वासियों के लिये  है कि संगठन एक बार फ़िर से बिहार में सर उठाने की कोशिश में जूट गया है। हांलाकि यह कहना गलत होगा कि रणवीर सेना पिछले पांच सालों तक इसलिये चुप रहा कि राज्य में नीतीश का सुशासन था। जमीनी हकीकत यह रही कि सत्ता में शामिल रहे भूमिहार समाज के लोगों के वजह से इस खूनी संगठन ने अपनी कोई कार्रवाई नहीं की। अब जबकि भूमिहार समाज का नीतीश कुमार से मोहभंग हो गया है तब इसने फ़िर से आवाज उठाना शुरु कर दिया है।

 बिहार रणवीर सेना ने अपनी वापसी के लिये एक नयी कार्ययोजना पर अमल करना शुरु कर दिया है। इस योजना के तहत अगले एक साल में वह अपने दस्ते में 2900 लड़ाकों की बहाली करेगा। इसके अलावा अत्याधुनिक हथियारों आदि की खरीद के लिये इस संगठन ने इन्टरनेट पर एक विशेष व्लाग जारी किया है। ब्लाग का शीर्षक है – जै परशुराम, जै भूमिहार। इस ब्लाग पर ब्रह्मोश्वर मुखिया को भूमिहार समाज का शान बताया गया है। इसके अलावा इस ब्लाग पर भूमिहार समाज के स्वर्णिम इतिहास के साथ रणवीर सेना के गठन का उद्देश्य एवं इसकी उपलब्धियों को दिखाकर प्रवासी भूमिहारों से खुले दिल से मदद करने की गुहार लगाई गई है। इसके एवज में रण्वीर सेना के संचालक ने लोगों से अपील किया है कि उनकी जमीन पर नीतीश कुमार की बुरी नजर लग गई है और बिहार का मुख्यमंत्री भूमिहारों से भूमि छीन लेना चाहती है। इसलिये अब राज्य में एक नये प्रकार के संघर्ष की आवश्यकता है।

बहरहाल रणवीर सेना के इस नये कोशिश को बड़ी संख्या में लोग देख रहे हैं। इसके अलावा जिस तरीके इस कोशिश को अंजाम दिया जा रहा है, यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि सत्ता परिवर्तन के बाद बिहार में रणवीर सेना बिहार में एक बार आगाज कर सकता है।





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