गुरुवार, 16 सितंबर 2010

चंद्रमोहन राय

चंद्रमोहन राय पश्चिमी चंपारण से 5 बार भाजपा के विधायक रह चुके हैं इसके साथ ही वह राज्य में भूमिहार जाति के सम्मानित नेता माने जाते हैं। वर्तमान सरकार में 2005 में उन्हें स्वास्थ मंत्री बनाया गया था। और 2008 में बिना कारण बताए उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया। उनके हटाने पर भाजपा में बहुत बवाल मचा था। मोदी के खिलाफ प्रदेश भाजपा के नेताओं ने दिल्ली में जाकर इसकी शिकायत भी की थी। जिसके बाद उन्हें 2009 में वापस मंत्री पद के लिए आमंत्रित किया गया। लेकिन चंद्रमोहन राय ने मंत्री पद लेने से इनकार कर दिया।
उन्होंने मोदी को याद दिलाते हुए कहा है कि लालू के 15 साल के शासनकाल को इसी जाति की अगुवाई में उखार फेका गया था। और अब मोदी फिर से यही गलती दोहरा रहे हैं। जिसका खमियाजा आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को भुगतना पर सकता है। चंद्रमोहन ने मोदी और प्रदेश भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि प्रदेश भाजपा की कोर कमेटी में भूमिहार को छोड़कर सभी जाति को रखा गया है। कोट कमेटी के अध्यक्ष राधा मोहन सिंह राजपुत हैं, उसके अलावे हृदयानाथ सिंह, सुशील कुमार मोदी, नंद किशोर यादव और अश्वनी चौबे इस कोर कमेटी के सदस्य हैं।




बिहार में भूमिहार जाति की आबादी 5 से 10 प्रतिशत है। लेकिन राज्य के अधिकांश जगहों पर यही जाति समाज की अगुवाई करते हैं। चंद्रमोहन राय ने कहा है कि भाजपा में भूमिहार जाति की लगातार उपेक्षा की जा रही है जिसकी वजह से भूमिहार नेता तेजी से कांग्रेस पार्टी में शामिल हो रहे हैं। जल्द ही पार्टी कुछ नहीं करती है तो अगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।









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