सोमवार, 7 नवंबर 2011

नये भूगोल में बदलेगी जातीय गणित


                        नये भूगोल में बदलेगी जातीय गणित

गाजीपुर : नये परिसीमन के बाद मुहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र में कई पुराने कटे हैं तो बहुतेरे नये गांव जुड़े भी हैं। इसकी वजह से जातीय समीकरण भी बदला है। कोई हैरानी नहीं कि कुछ दलों के दाव बिगड़ेंगे तो कुछ के लिए समीकरण बन भी सकते हैं।

गंगा पार रेवतीपुर, गौरा, पकड़ी, डेढ़गांवां, उधरनपुर, त्रिलोकपुर, नौली, बसुका, नसीरपुर, अठहठा, हसनपुरा,
दुल्लहपुर, तिलवा, गोपालपुर, राघोपुर-रामपुर, पटककनियां, कल्यानपुर, उतरौली आदि प्रमुख गांव परिसीमन के बाद मुहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र में शामिल हो गये हैं जबकि महेन्द, करीमुद्दीनपुर आदि बड़े गांव हट गये हैं। लिहाजा यह क्षेत्र भूमिहार बाहुल्य हो गया है। एक आंकलन के मुताबिक भूमिहार मतदाताओं की संख्या करीब एक लाख है जबकि यादव 45 हजार, दलित 83 हजार, कुशवाहा 25 हजार, मुसलमान 25 हजार, राजभर छह हजार, वैश्य आठ हजार, ब्राह्मण 10 हजार तथा राजपूत बिरादरी के करीब छह हजार वोटर हैं। संभवत: यही वजह है कि प्रमुख दल इसी बिरादरी के नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी में है।

हालांकि बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार मनोज सिन्हा इस क्षेत्र में खिसक कर दूसरे नम्बर पर पहुंच गये थे जबकि राजनीतिक प्रेक्षकों का अनुमान था कि उन्हें अपने स्वजातीय भूमिहार मतदाताओं के बूते खासी बढ़त हासिल होगी। बहरहाल मौजूदा वक्त में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कौमी एकता दल के सिबगतुल्लाह अंसारी कर रहे हैं और उनकी भी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा भूमिहार वोट बैंक में सेंधमारी हो। लोकसभा चुनाव में वह बसपा के साथ थे और बसपा कांटे के मुकाबले में सबसे ऊपर हो गयी थी लेकिन विरोधी दल विधानसभा चुनाव में ठीक से उनकी पेशबंदी में जुटे हैं। सपा ने राजेश राय पप्पू को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। बसपा भी अपने विधायक पशुपतिनाथ राय को वहां का प्रभार सौंपी है लेकिन पूर्व विधायक स्व. कृष्णानन्द राय के भतीजे आनन्द राय मुन्ना की सक्रियता और भूमिहारों में उनको लेकर दिख रही उत्सुकता से राजनीतिक गलियारे में कयास लगाये जा रहे हैं।
                                                                           ( दैनिक जागरण)

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