बुधवार, 18 अगस्त 2010

भूमिहार वन्श के उत्पत्ति

वैसे तो भूमिहार वन्श के उत्पत्ति के सबन्ध के इतिहास को प्रचीन किम्दन्तियो के आधार पर अनेक विद्वानो ने लिपिबद करने का प्रयास किया है। ऎस माना जाता है कि भगवान परशुराम जी ने छत्रिओ के खातमे के बाद जीती ज़मीन को उन ब्रहमनो को दे दिया जिन्होने परम्परागत पुजा और दान को छोड जमिदारी और युद मे प्रवीनता हाशिल कर ली थी। ये ब्रह्मन ही भूमिहार ब्रह्मान कहलाये। तभी से परशुराम जी को भूमिहारो का जनक और भूमिहार वन्श का प्रथम सदस्य माना जाता है।

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