शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2015

समाचार चैनल ABP news का भूमिहारो पर बौद्धिक हमला

एबीपी न्यूज द्वारा कल (दिनांक-14.10.15) को रात्री आठ बजे एक कार्यक्रम दिखाया गया ऑपरेशन भूमिहार । यह कार्यक्रम एक जाति विशेष को बदनाम कर समाज में जहर घोलने की साजिश प्रतीत हो रही थी। न्यूज वालों ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन एवं सामाजिक आंदोलनों में इस जाति के योगदान को अनदेखा कर जिस तरह कुछ भटके हुए लोगों के उदाहरण दे कर एवं महज चंद लोगों के फीडबैक के आधार पर जिस घृणापूर्ण हरकत को अंजाम दिया गया वो सामाजिक समरसता के लिए कदापि उचित नहीं है।इस तरह के दूर्भाग्यपूर्ण कार्यक्रम दिखाने से पहले एबीपी को इस समाज का एक गैर पक्षपातपूर्ण आकलन जरूर कर लेना चाहिए था। इसी समाज में स्वामी सहजानंद सरस्वती जैसे मनिषियों ने जन्म लिया था जिनके योगदान का आकलन शायद इस चैनल के लोगों के बस की बात नहीं है। परन्तु इतना तो ये चैनल वाले कर ही सकते हैं कि एेसे कार्यक्रम न दिखा कर उन मनिषियों की आत्मा एवं इस जाति के स्वाभिमान को ठेस न पहुंचाई जाए। अगर आपको कार्यक्रम ही दिखाना था तो इस जति के सामाजिक योगदान एवं इसकी बौद्धिकता पर दिखाते परन्तु चैनल ने यह न दिखा कर जिस अंदाज में कार्यक्रम दिखाया वह समाज के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाला था ।दूर्भावना की सीमा देखिये-
इस चैनल के एक पत्रकार लिखते हैं "रात आठ बजे देखिये एबीपी न्यूज,दो बातें साफ हो जाएंगी पहली यह की भूमिहार कैसे पिछले साठ सालों में बिहार के लोगों को परेशान कर रहें हैं दूसरी बात की पिछड़ों की सियासत करने वाले लालू राज में भी भूमिहारों ने कैसे आतंक मचाया? अॉपरेशन भूमिहार"
भाई वाह क्या जबरदस्त आकलन है महोदय का अरे महाराज जंगलराज में भूमिहारों ने आतंक नहीं मचाया बल्कि मैं गर्व से कह सकता हूं कि यह वो इकलौती स्वाभिमानी  जाति है जिसने जंगलराज का डट कर मुकाबला किया था। अगर रिपोर्ट  ही बनानी  थी तो गांवो में जा कर इस जाति की वर्तमान स्थिती का आकलन करते ,बात करते उन विधवाओं से जिन्होने जंगलराज में अपने सुहाग खोये, बात करते उन किसानों से जिन्होने अपनी जमीन खो दी विभिन्न कारणों से, अगर इस समाज के योगदान का अध्यन करने हेतु सामग्री उपलब्ध नहीं थी समाज के लोगों से संपर्क करते।परन्तु न्यूज चैनल वाले ने एेसा नहीं किया बल्कि महागटबंधन को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से उनके दिए पैसे की चकाचौंध में एक भ्रामक व सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वाला आकलन प्रस्तुत करा। यह न चैनल के हित में है न समाजिक समरसता के। मैं समाज के सभी बुद्धिजीवीयों से साथ ही यह आग्रह भी करुंगा कि इस कार्यक्रम पर अपनी आपत्ति एबीपी को फोन कर या इमेल के जरिये अवश्य दर्ज कराएं।

9 टिप्‍पणियां:


  1. इस धरती पर सबसे अत्याचारी, घोर भ्रष्ट, दोगली जाति है भूमिहार. एकमात्र यही जाति है, जिसके बारे में अगड़ी व पिछड़ी सभी जातियों के लोग भद्दी-भद्दी गालियां देते हैं. ब्राrाण, राजपूत, कायस्थ भी गरियाता है और दलित-पिछड़ी भी. मैं मानता हूं कि एबीपी न्यूज ने पत्रकारीय धर्म की सीमा का उल्लंघन किया है, लेकिन इस दोगली जाति के कारनामे की पोलपट्टी खोलने के लिए किसी को तो आगे आना ही होगा. इस चैनल ने कम से कम साहस तो दिखाया. इतिहास गवाह है कि भूमिहार देश के साथ गद्दारी करते हुए अंग्रेजों का साथ दिया. आनेवाले दिनों में भूमिहार की जो गति होनेवाली है, उसकी धमक मिलने लगी है. कई भूमिहार भीख मांगते, बेटी बेचते, पान बेचते नजर आ रहे हैं. भूमिहार स्वार्थ के लिए जीता है. पैसे दिख जाये तो कुछ भी कर लेता है. चरित्रवान, देशभक्त तो हो ही नहीं सकता है. इस जाति को इतिहास माफ नहीं करेगा. भविष्य बहुसंख्यक दलितों, पिछड़ों, मजलूमों का है. संभल जाओ भूमिहारों, जो गलती तुम्हारी पीढियों ने की है, वही गलती मत दुहराओ. जातीय संकतीर्णता से उठो. सभी जातीयों को गले लगाओ. समाज को बांटने वाली दोगली जाति.भूमिहार.

    राकेश, मुजफ्फरपुर, बिहार

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    1. Are bhai kisi k khoon ko gaali dene she pahle apne Maa ke doodh ko yaad kar lo.yaad rakho ham moldiyari apne maan ko bachane k lie tumhare jaison ki kair kya chor did.apke par nikal aaye.baat rahi gaddari ki to apne g.k. me badhotari karo.moldiyari boomihar angregon se larte hue astitwa me aae,aur baba parsuram ki dharti mokama ko basaya.jab baba parsuram ne puri chatriya jati ko bramhan hotel hue aukad dikha di,tab to unhen poojte ho jab bhoomiharon be yah kaam kiya ,samaaj ke dimkon ko aukad dikhani caahi to unhen gaali kyon?aaj bhumiharon live and let live apnaa rahe hai ISSI lie type kar jabbab bhej raha hun,warna 10 k dasak ki tarah do or die ki awastha me aapka kalyan ho gaya hota.saayad use hi kahte hai ki hamne kya sarafat Sikh li saare Duniya hi badmaas ho gayi.aur han yah damki nahi Free suggestion with answer hai.baaten katu satya hain karwi lagegi hi.chamma cahata hun,thori sakkar Khan Lena.dhanyawaad.

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    2. अरे माधर चोद राकेश ......किसी भूमिहार ने तेरी मा को पेल दिया है क्या बे जो इतनी मिर्ची तुझे लगी है ।बहन चोद अगर भूमिहारो के करने से ही सब कुछ हो जाता है तो आज पूरा देश ये मान लिया कि जरूर किसी भूमिहार ने तेरी मा को चोद के छोड़ दिया होगा , और अगर उसने ऐसा किया होगा तो डंके की चोट पे सही किया क्योकि तुझे पैदा तेरे बाप ने गलत कर दिया ।
      भूमिहार ब्राह्मण को तुझसे सर्टिफिकेट नही लेना है ।ये सब जानते हैं कि मिर्च लगती है तो सी सी की आवाज आती है ।

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    3. भूमिहार ब्राह्मणों की या राजपूतों को रखैतो की पैदावार है और इन्हे फिर भूमि दे दी जाती थी उसी से ही गए

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  2. अब भला मानसिक दिवालियापन के प्रतीक राकेश आप अपने जाति पर प्रकाश डालेंगे।उम्मीद है आप किसी गटर की पैदाइश न हो?

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  3. भूमिहार अखसर राज्य नर्तक की वंशावली से संबंधित है ।
    जिन राज्य नर्तिका से राजा एवं राजपुरोहितों के विवाहोप्रंत
    शारीरिक संतुष्टी के लिए उपयोग किया जाता था। इससे यह साबित होता है और अपने अपने निजी जीवन में देखा होगा कि वे स्वयं को ब्रह्मक्षत्रिया कहते हैं । शारीरिक सुख से संतुष्ट होकर राजाओं एवं राजपुरोहित द्वारा उन्हें कुछ भूमि-भाग दान में मिल जाता था । क्षत्रिय एवं राजपुरोहित
    शारीरिक सुख के कारण भूमी देते थे और भूमी को तभी दिया जा सकता है जब आप भूमी को हार रहे हो इसकी वजह से इन्हें भूमिहार कहा जाता है ।

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